Saturday, May 14, 2011

युद्ध

ना जिस्म बची , ना जान बचा !
ना गीता , ना कुरान बचा !!
नफ़रत की एक चिंगारी से !!!
ना कोई इंसान बचा !!!!
हर ओर चिताए जलती है !!!!!
बस राखों का तूफ़ान बचा !!!!!!

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