Wednesday, September 21, 2011

धुल या फूल

चाहे चमन का फूल बनना, या रास्ते की धूल बनना |
याद रखना खुद को तुम, यही तेरा पहचान होगा |

रास्ते की धूल भी, माथे का तिलक बन जाता है |
फूल भी जाता है कुचला, गर उसमे भी अभिमान होगा |
याद रखना......

फूल सुन्दर दिखता है, माना की उसमे जान होगा |
पर सिपाही जब गिरे, तो धूल का सम्मान होगा |
याद रखना ........

धूल आँखों में पड़े तो, कष्ट देता है सदा |
फूल सा खुशबू बिखेरो, तो बड़ा ही नाम होगा |
याद रखना.......

वास्तव में दोनों ही, कुछ सीख देते है हमे |
जो खुद को इनमे ढाल ले, सच्चा वही इंसान होगा |
याद रखना.......