Sunday, July 3, 2011

पेड़ और पक्षी

हरे पेड़ पर बैठा पक्षी सुंदर गीत सुनाता है
शामत उसकी आती है जब पेड़ वही कट जाता है
फिरता है वो मारा मारा तब एक ठिकाना मिलता है
भूल के पिछली बातों को तब चेहरा उसका खिलता है
पर शायद किस्मत में उसके नहीं लिखा है खुश रहना
कटते जाते पेड़ सभी मुश्किल है जीते रहना
काश कभी हम मानव को ये बात समझ में जाये
पेड़ हमारे जीवनसाथी क्योंकर इनको काटा जाये
खुद गलती हम करते है दंड इन्हें भुगतना पड़ता है
इन पेड़ों के कारण ही जीवो का जीवन चलता है
संकल्प सभी ये कर ले तो पेड़ सभी बच जायेंगे
फिर इन पर जीवन होगा पक्षी फिर मुस्कायेंगे