Wednesday, February 13, 2019

चुनाव

हिंदी फीचर फ़िल्म ::  प्रधानमंत्री
मुख्य कलाकार :: नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, अरविन्द केजरिवाल, मुलायम सिंह यादव, ममता बनर्जी, जयललिता, एम. करुनानिधि, मायावती एवम शरद पवार
सहायक कलाकार :: चंद्रबाबू नायडू, उद्धव ठाकरे, नितीश कुमार, अजीत सिंह, वामदल, अकाली दल, लालू यादव, रामविलास पासवान एवम फारूख अबदुल्ला
मेहमान कलाकर :: बाबा रामदेव, आजम खान, गिरिराज, अमित शाह,बेनी प्रसाद वर्मा,दिग्विजय सिंह एवम शाजिया इल्मी
बजट :: हजारो करोड रुपये
निदेशक :: चुनाव आयोग
निर्माता :: भारत की जनता
रिलीज डेट :: १६ मई २०१४

कथासार :: बिजली, पानी, सड़के, महंगाई, घोटाले, बेरोजगारी, सुरक्षा, हेल्थ, भुखमरी,शिक्षा ईत्यादि


  

Sunday, September 8, 2013


बचपन 

आओ हम सब अपने बचपन में लौट चले । 
खेलकूद जहाँ बड़े हुए उस आँगन में लौट चले । 
आओ हम सब अपने
जहाँ सुनहरी धूप थी, रंगी थी हर शाम ।
जहाँ न कोई फ़िक्र थी, नहीं था कोई काम । 
आओ फिर से उन बरसातों के दामन में लौट चले । 
आओ हम सब अपने 
जहाँ माँ की थपकी, लोरी से सपनो में हम खो जाते थे । 
जहाँ पिता हमें कंधो पर लेकर, सारा शहर घुमाते थे । 
जो भूल गए उन यादो के सावन में लौट चले। 
आओ हम सब अपने 
 जहाँ बाग़, बगीचे,तितली ,पक्षी, सबसे अपनी यारी थी ।
जहाँ दादा,दादी की बाँहों में हमने रात गुजारी थी । 
आओ उन प्यारी रातो के बंधन में लौट चले। 
आओ हम सब अपने 
जहाँ छीन गया अपना बचपन, हम बड़े हुए अरमानो से । 
जहाँ खुद को अकेला पाते है, हम घिरे हुए इंसानों से । 
आओ उन धुंधली यादो के दर्पण में लौट चले । 
आओ हम सब अपने बचपन में लौट चले । 
खेलकूद जहाँ बड़े हुए उस आँगन में लौट चले ।

Sunday, June 30, 2013

लड़किया  ......................


लड़कियों  को नहीं आराम है अपने इस देश में !
कभी बेटी,बहन, कभी पत्नी,कभी माता के वेश में !
खुद को मिटा देती है वो रिश्तों के नाम पर !
निश्वार्थ बिक जाती है वो प्यार के दाम पर !
कुछ क़त्ल कर दी जाती है जन्म ले नहीं  पाती !
कुछ जन्म लेकर अपनों के ताने सह नहीं पाती !
ना भूलिए की दुनिया टिकी है औरत के ही दम पर !
हर कदम पे उनका ये एहसान है हम पर !
मजबूत बनाना है गर इस देश को अपने !
तो इनका हक इनको दीजिये फिर देखिये सपने !



Saturday, May 11, 2013

अभिमन्यु.........

अभिमन्यु जब गिर धरा पर तो चीत्कार उठी धरती उस पल
अपनी छोटी सी जान पे उसने नाप दिया कौरव का बल
एक एक योद्धा एक एक  सेना के जितना बल रखता था
पर अभिमन्यु के बाणों के आगे कोई ना टिकता था
जब छिन्न भिन्न कर दिया उसने कौरव सेना के मान को
तब घेर लिया सबने मिलकर उस योद्धा बलवान को
कायरों के उस झुण्ड से लड़ता रहा वीर  बलवान
पर अंत निकट था उसका दे दिया उसने अपनी  जान
कथा नहीं ये व्यथा नहीं एक वीर की गौरव गाथा है
उम्र नहीं काम बड़ा हो ये हमको सिखलाता है

Friday, January 20, 2012

ख्वाहिश

फैला हुआ हो आसमा, दूर तलक सन्नाटा हो
एक बढ़िया सी सब्जी हो, और आलू का पराठा हो
लैपटॉप हो हाथ में, मोबाइल स्विच ऑफ हो
इन्टरनेट कनेक्शन हो, फिर सोचो क्या बात हो
सामने गिरता झरना हो, सुन्दर पक्षी गाते हो
हलकी हलकी धुप खिली हो, बादल आते जाते हो
एक तरफ फूलो की क्यारी, एक तरफ नदी की धारा
फूलो से खुशबू आये, संगीत सुनाये नदी की धारा
ऐसे पल को गर जी लूं तो, खुद पर मैं इतराऊंगा
ऐसी कोई जगह मिली तो, मैं सचमुच प्लान बनाऊंगा

Wednesday, September 21, 2011

धुल या फूल

चाहे चमन का फूल बनना, या रास्ते की धूल बनना |
याद रखना खुद को तुम, यही तेरा पहचान होगा |

रास्ते की धूल भी, माथे का तिलक बन जाता है |
फूल भी जाता है कुचला, गर उसमे भी अभिमान होगा |
याद रखना......

फूल सुन्दर दिखता है, माना की उसमे जान होगा |
पर सिपाही जब गिरे, तो धूल का सम्मान होगा |
याद रखना ........

धूल आँखों में पड़े तो, कष्ट देता है सदा |
फूल सा खुशबू बिखेरो, तो बड़ा ही नाम होगा |
याद रखना.......

वास्तव में दोनों ही, कुछ सीख देते है हमे |
जो खुद को इनमे ढाल ले, सच्चा वही इंसान होगा |
याद रखना.......

Sunday, August 28, 2011

आओ हम शुरुआत करें|

देश के कोने कोने से एक शोर सुनाई देता है|
रातों को उगता हुआ सूरज हर ओर दिखाई देता है|
आँखों से नीदें गायब है चेहरों पर शिकन का नाम नहीं|
विश्वाश भरा है हर दिल में कोई भी अभिमान नहीं|
हर एक चुनौती सह लेंगे गर मिलकर सब एक साथ चले|
दुनिया को दिखा दे दम अपना गर हाथों में लेकर हाथ चले|
अपने अधिकारों की खातिर खुद हमको ही लड़ना पड़ता है|
औरों को बदलने से पहले खुद हमें बदलना पड़ता है|
दुनिया से लड़ने से पहले खुद पर जीत जरुरी है|
शुरुआत हुआ है अंत नहीं लड़ाई अभी अधूरी है|
एक नए जोश, एक नए होश से सच्चाई की बात करे|
सारे भारतवासी मिलकर आओ हम शुरुआत करें|