फैला हुआ हो आसमा, दूर तलक सन्नाटा हो
एक बढ़िया सी सब्जी हो, और आलू का पराठा हो
लैपटॉप हो हाथ में, मोबाइल स्विच ऑफ हो
इन्टरनेट कनेक्शन हो, फिर सोचो क्या बात हो
सामने गिरता झरना हो, सुन्दर पक्षी गाते हो
हलकी हलकी धुप खिली हो, बादल आते जाते हो
एक तरफ फूलो की क्यारी, एक तरफ नदी की धारा
फूलो से खुशबू आये, संगीत सुनाये नदी की धारा
ऐसे पल को गर जी लूं तो, खुद पर मैं इतराऊंगा
ऐसी कोई जगह मिली तो, मैं सचमुच प्लान बनाऊंगा
Nice Collection...
ReplyDeleteThanks to share with me Nilesh.
Regards
Sanyog
thanks for comment dear
ReplyDeletecontempory....
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